इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार के आरोपी को दी जमानत, जीजा-साली के बीच सहमति को आधार बताया

हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक पारिवारिक मामले में बलात्कार के आरोपी को जमानत दी। यह मामला जीजा और साली के बीच संबंधों पर आधारित था, जिसमें अदालत ने कहा कि भले ही यह संबंध कुछ लोगों के लिए अनैतिक हो सकता है, लेकिन वयस्क शिकायतकर्ता की सहमति के कारण इसे बलात्कार नहीं माना जा सकता।

न्यायमूर्ति समीर जैन ने मामले की सुनवाई करते हुए शिकायतकर्ता के बयानों में असंगतियां पाईं। शुरुआत में, भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 161 के तहत दिए गए बयान में शिकायतकर्ता ने आरोपों से इनकार किया था। हालांकि, धारा 164 CrPC के तहत दिए गए बयान में उन्होंने अभियोजन पक्ष की कहानी का समर्थन करते हुए आरोपी पर बलात्कार का आरोप लगाया।

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि संबंध सहमति पर आधारित था और आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। आरोपी को जुलाई 2024 में गिरफ्तार किया गया था। इस निर्णय ने निजी रिश्तों में कानूनी और नैतिक आचरण की सीमाओं पर बहस छेड़ दी है, जो सहमति और पारिवारिक संबंधों की जटिलताओं को उजागर करता है।

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