हैदराबाद में एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने 2019 के मानव तस्करी मामले में शामिल छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला बांग्लादेशी लड़कियों की भारत में तस्करी से जुड़ा था, जहाँ उन्हें वेश्यावृत्ति में धकेला गया था। दोषियों में मोहम्मद यूसुफ खान, बिथी बेगम, सोजिब, रूहुल अमीन ढाली, मोहम्मद अब्दुल सलाम उर्फ कोनला जस्टिन और शीला जस्टिन उर्फ शिउली खातून शामिल हैं। प्रत्येक को भारतीय दंड संहिता और अनैतिक तस्करी रोकथाम अधिनियम, 1986 की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया गया है।
एनआईए के अनुसार, आरोपियों ने आकर्षक नौकरियों और उचित मुआवजे के वादों का फायदा उठाकर पीड़ितों को सीमा पार भेजकर शोषण की जिंदगी में धकेल दिया। बुधवार को जारी किए गए अदालत के फैसले में प्रत्येक आरोपी पर 24,000 रुपये का जुर्माना भी शामिल है। जुर्माना अदा न करने पर 18 महीने की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा होगी।
अगस्त 2019 में हैदराबाद के उप्पुगुडा के कंडीकल गेट इलाके में एक आवास पर तेलंगाना पुलिस द्वारा चलाए गए बचाव अभियान के बाद तस्करी की गई लड़कियों की दुर्दशा सामने आई। शुरुआत में चत्रिनाका पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले की जांच एनआईए ने सितंबर 2019 में अपने हाथ में ले ली, जिसके बाद मार्च 2020 में चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट और अगस्त 2020 में शेष दो के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की गई।