अदालत ने बुधवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक आरोपी की जमानत याचिका पर 14 दिसंबर तक ईडी से जवाब मांगा, जिसमें आप विधायक अमानतुल्ला खान भी शामिल थे।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने आरोपी जीशान हैदर द्वारा दायर आवेदन पर प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि “उसे आगे हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा”।
आरोपियों की ओर से पेश वकील नितेश राणा ने मामले को “तुच्छ” बताया और अदालत से कहा कि अपराध की आय का कोई सृजन नहीं हुआ है।
वकील ने कहा, “यह एक तुच्छ मामला है और अनुसूचित अपराधों (भर्ती में कथित भ्रष्टाचार) से अपराध की आय का कोई स्रोत नहीं है। आरोपी को आगे हिरासत में रखने का कोई आधार नहीं है और उसे रिहा किया जाना चाहिए।”
राणा ने आगे कहा कि अदालत आरोपी पर कोई भी शर्त लगा सकती है।
एफआईआर के मुताबिक, खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए मानदंडों और सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए 32 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया था।