दिल्ली की एक अदालत केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दायर मानहानि शिकायत के खिलाफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दायर एक आवेदन पर 14 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।
विशेष एमपी-एमएलए अदालत के न्यायाधीश एमके नागपाल ने 16 सितंबर को गहलोत और शेखावत दोनों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ताओं के संयुक्त अनुरोध पर मामले को बहस के लिए अक्टूबर के लिए पोस्ट कर दिया था।
न्यायाधीश ने पहले शिकायत की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन कांग्रेस नेता को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने की अनुमति दी थी।
एक मजिस्ट्रेट अदालत कथित संजीवनी घोटाले से उन्हें जोड़ने वाली गहलोत की टिप्पणी पर शेखावत की शिकायत पर सुनवाई कर रही है।
यह मामला संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा हजारों निवेशकों को कथित तौर पर लगभग 900 करोड़ रुपये का चूना लगाने से संबंधित है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और जोधपुर से सांसद शेखावत ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि गहलोत कथित घोटाले को लेकर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कर रहे हैं और उनकी छवि खराब करने और उनके राजनीतिक करियर को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने कहा था कि आरोपी ने प्रथम दृष्टया जानबूझकर और उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से शिकायतकर्ता के खिलाफ मानहानिकारक आरोप लगाए।
न्यायाधीश ने शेखावत का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील विकास पाहवा की इस दलील पर भी गौर किया कि शिकायत में लगाए गए आरोपों का उनके बयान के दौरान सभी शिकायतकर्ता गवाहों ने समर्थन किया था।
शेखावत ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस, मीडिया रिपोर्ट और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्हें सार्वजनिक रूप से बदनाम किया।