भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) चित्तौड़गढ़ ने मंगलवार रात को कार्रवाई करते चाइल्ड लाइन चित्तौड़गढ़ के निदेशक एवं एनजीओ संचालक भोजराज सिंह पदमपुरा को 16 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। चाइल्ड लाइन के कर्मचारी को तीन माह का वेतन देने के बदले में रिश्वत राशि ली गई थी। आरोपी आसरा विकास संस्थान का संस्थापक और चाइल्ड लाइन का निदेशक है।
एसीबी चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश सिंह सांदू ने बताया कि गांधीनगर सेक्टर 5 निवासी गोपाल पुत्र देवीलाल चावला ने एसीबी में शिकायत की थी। इसमें बताया कि प्रार्थी ने 15 सितंबर 2022 से चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 में काम करने के लिए ज्वाइन किया था। इसके बाद से ही आरोपी उदयपुर निवासी भोजराज पुत्र दलपत सिंह ने गोपाल चावला को वेतन नहीं दिया था। गोपाल चावला ने जब अपने काम के बदले में वेतन मांगा तो आरोपित ने रिश्वत की मांग कर दी।
एनजीओ संचालक ने 1 अगस्त 2022 से 15 सितंबर 2022 तक के फर्जी हाजरी लगा कर डेढ़ महीने के 12 हजार रुपए गोपाल चावला के अकाउंट में जमा करवाएं। इसके अलावा 16 सितंबर 2022 से 30 सितंबर 2022 की वैध सैलरी के 4000 रुपए भी अकाउंट में जमा करवाए। इसके बाद भोजराज सिंह ने गोपाल चावला से इन्हीं रुपयों की मांग की। उसने गोपाल चावला के अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर महीने का वेतन रुकवा दिया और 16 हजार रुपए उसके बदले में देने की बात कही। एएसपी कैलाश सिंह सांदू ने बताया कि शिकायत मिलते ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर रेंज के उपमहानिरीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल के निर्देश पर ट्रेप की कार्रवाई शुरू की। सबसे पहले 5 मई को सत्यापन किया गया। भोजराज ने यह 16 हजार रुपए लेने के लिए गोपाल चावला को कलक्ट्रेट में स्थित पुराना हॉस्पिटल परिसर में संचालित चाइल्ड लाइन ऑफिस में बुलाया।
गोपाल चावला देर मंगलवार रात को ऑफिस गया और भोजराज को रुपए दिए। इसी दौरान एसीबी की टीम ने भोजराज को रंगे हाथों पकड़ लिया। इस कार्रवाई में पुलिस निरीक्षक दया लाल चौहान, हेड कॉन्स्टेबल दलपत सिंह, ओमप्रकाश, श्यामलाल, कॉन्स्टेबल जितेंद्र सिंह, मान सिंह, महिला कॉन्स्टेबल आशा कुमारी, कांस्टेबल ड्राइवर शेरसिंह शामिल थे।