सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिलाफ कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चल रही कार्यवाही को बंद करने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि अब यह मामला उसके संज्ञान में है और वही इसकी निगरानी करेगी।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) से स्टेटस रिपोर्ट मांगी। यह SIT शीर्ष अदालत के 19 मई के आदेश के अनुपालन में गठित की गई थी। अदालत को बताया गया कि SIT ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त कर जांच शुरू कर दी है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को सूचित किया कि सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में होने के बावजूद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में समानांतर कार्यवाही चल रही है। इस पर शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि जब वह स्वयं इस मामले को देख रही है, तो हाईकोर्ट की कार्यवाही स्वतः समाप्त मानी जाएगी।

पीठ ने कहा, “19 मई को पारित अंतरिम आदेश, जिसमें विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई थी, आगे भी लागू रहेगा।” कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह के लिए सूचीबद्ध की है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में किसी भी पक्ष को हस्तक्षेप की अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता।
19 मई को शीर्ष अदालत ने मंत्री विजय शाह को फटकार लगाते हुए उनके खिलाफ दर्ज FIR की जांच के लिए तीन सदस्यीय SIT गठित करने का आदेश दिया था। यह मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए दिखाया गया।
कर्नल कुरैशी ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मिलकर ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के मीडिया ब्रीफिंग्स में भाग लेकर राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की थी।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शाह की भाषा को “गटर की भाषा” बताते हुए कड़ी फटकार लगाई थी और उनके खिलाफ वैमनस्यता और घृणा फैलाने के आरोप में FIR दर्ज करने का आदेश दिया था।
देशभर में तीखी आलोचना के बाद विजय शाह ने खेद व्यक्त करते हुए कहा था कि वह कर्नल कुरैशी का सम्मान अपनी बहन से भी अधिक करते हैं।