पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल (BCPH) ने एक शहर-आधारित वकील का लाइसेंस एक वर्ष के लिए निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई पेशेवर कदाचार (professional misconduct) के आरोप में की गई है, जिसमें वकील पर अपने बुजुर्ग मकान मालिक को परेशान करने और किराए से संबंधित विवाद को लेकर झूठे मुकदमे दर्ज कराने का आरोप है।
बार काउंसिल ने वकील का नाम सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन पुष्टि की है कि यह निर्णय 70 वर्षीय मकान मालिक की बहू द्वारा दायर शिकायत के आधार पर लिया गया। शिकायत के अनुसार, उक्त वकील ने पहले खुद को एक बैंक कर्मचारी बताकर किराये पर मकान लिया था, लेकिन बाद में यह सामने आया कि वह वास्तव में एक प्रैक्टिसिंग एडवोकेट है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वकील ने न केवल किराया देना बंद कर दिया, बल्कि बुजुर्ग मकान मालिक और उसके परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। आरोप यह भी है कि वकील ने मकान खाली करने के बदले धन की मांग की और दबाव बनाने के लिए झूठे आपराधिक मुकदमे दर्ज कराए।

बार काउंसिल ने बताया कि वकील को कई बार नोटिस भेजे गए, लेकिन वह किसी भी कार्यवाही में पेश नहीं हुआ। परिणामस्वरूप, मामले की सुनवाई एकतरफा (ex parte) की गई।
बार काउंसिल ने अपने आदेश में कहा, “वकील का यह आचरण पेशेवर नैतिकता के विरुद्ध है और पूरे विधिक समुदाय की गरिमा को ठेस पहुंचाता है।”
अब इस निर्णय के तहत, वकील पूरे देश में किसी भी अदालत में एक वर्ष तक वकालत नहीं कर सकेगा।