उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक अंतरधार्मिक युवा जोड़े की आर्थिक सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और युवक के पिता को निर्देश दिया है कि वे अदालत के समक्ष उपस्थित होकर उनके जीवनयापन के लिए सहयोग का आश्वासन दें।
उधम सिंह नगर जिले के रहने वाले इस जोड़े — एक हिंदू युवक और मुस्लिम युवती — ने अपनी सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में कहा गया कि दोनों विवाह करना चाहते हैं लेकिन युवती का परिवार इस रिश्ते के खिलाफ है। अदालत ने पहले ही उन्हें सुरक्षा प्रदान की थी।
गुरुवार को अंतिम सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने युवक से उसकी शैक्षिक योग्यता और आय के स्रोत के बारे में जानकारी मांगी।

युवक, जो सितारगंज का निवासी है, ने बताया कि वह शादी समारोहों में डीजे का काम करता है और साथ ही गाड़ी भी चलाता है। उसने यह भी कहा कि उसके पिता के पास सितारगंज में कुछ जमीन है। युवक की पढ़ाई हाईस्कूल तक हुई है जबकि युवती 12वीं तक पढ़ी है।
अदालत ने जोड़े की कम उम्र और सीमित संसाधनों को देखते हुए उनके जीवनयापन को लेकर चिंता व्यक्त की।
युवक की ओर से पेश अधिवक्ता कौशल शाह जगाती ने बताया कि इसी संदर्भ में अदालत ने युवक के पिता को सोमवार को हाजिर होकर यह आश्वासन देने का निर्देश दिया है कि वह दोनों को आर्थिक सहयोग देंगे।
अब मामले की सुनवाई पिता की पेशी के बाद आगे होगी।