UPSLSA ने ‘न्याय मार्ग’ एआई चैटबॉट लॉन्च किया, यूपी में कानूनी सहायता तक पहुंच में आएगी क्रांति

उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (UPSLSA) ने 2 नवंबर 2025 को न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (JTRI), लखनऊ में “कानूनी सहायता के माध्यम से प्रजनन स्वायत्तता में बाधाओं को दूर करना” विषय पर एक संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘न्याय मार्ग’ एआई चैटबॉट का शुभारंभ रहा, जो देश में अपनी तरह की पहली पहल है जिसका उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से न्याय प्रदान करना है।

कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय श्री न्यायमूर्ति सूर्य कांत, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा किया गया। इस अवसर पर माननीय श्री न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, उच्चतम न्यायालय विधिक सेवा समिति भी उपस्थित थे।

समारोह में माननीय श्री न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद हाईकोर्ट एवं मुख्य संरक्षक, UPSLSA; माननीय श्री न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, वरिष्ठ न्यायाधीश एवं कार्यकारी अध्यक्ष, UPSLSA; माननीय श्री न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी, अध्यक्ष, HCLSC, इलाहाबाद; और माननीय श्री न्यायमूर्ति राजन रॉय, अध्यक्ष, HCLSSC, लखनऊ बेंच की गरिमामयी उपस्थिति रही। दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश माननीय श्री न्यायमूर्ति डी.के. उपाध्याय ने भी इस अवसर की शोभा बढ़ाई।

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‘न्याय मार्ग’ चैटबॉट: न्याय तक पहुंच का एक नया ज़रिया

इस कार्यक्रम का मुख्य केंद्रबिंदु ‘न्याय मार्ग’ एआई चैटबॉट का लॉन्च था, जिसका शुभारंभ न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने किया। इस चैटबॉट को सभी के लिए कानूनी पहुंच का विस्तार करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।

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माननीय न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने टिप्पणी की कि इस तरह की तकनीकी पहल “लाभार्थी और उसके अधिकार के बीच की खाई को पाटेगी” और देश के “अंतिम कोने तक” अधिक तेजी से न्याय पहुंचाने में मदद करेगी।

UPSLSA की सदस्य सचिव, डॉ. (श्रीमती) मनु कालिया ने इस नए टूल के बारे में विवरण प्रदान करते हुए बताया कि “न्याय मार्ग” एंड्रॉइड प्ले स्टोर पर उपलब्ध एक इंटरैक्टिव, हिंदी-भाषी चैटबॉट है। उपयोगकर्ता कानूनी प्रश्न पूछ सकते हैं, और चैटबॉट NALSA और UPSLSA के मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) पर आधारित लगभग 1,500 प्रश्नों और उत्तरों के संकलन से उत्तर प्रदान करता है। डॉ. कालिया ने यह भी कहा कि इसकी पहुंच को और व्यापक बनाने के लिए ऐप को उत्तर प्रदेश की अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रशिक्षित करने की योजना है।

न्याय व्यवस्था महिलाओं के साथ दृढ़ता से खड़ी है: न्यायमूर्ति सूर्य कांत

अपने उद्घाटन भाषण में, माननीय न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने कहा कि “परिस्थितियाँ कैसी भी हों, प्रत्येक महिला यह आश्वासन पाने की अधिकारी है कि न्याय व्यवस्था उसके साथ दृढ़ता से खड़ी है।” उन्होंने UPSLSA की उपलब्धियों की प्रशंसा की और उपस्थित लोगों को अनुच्छेद 39A में निहित संवैधानिक कर्तव्य की याद दिलाई।

माननीय न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने अपने संबोधन में डॉ. बी.आर. अंबेडकर को उद्धृत किया: “मैं किसी समुदाय की प्रगति को उस प्रगति की डिग्री से मापता हूँ जो महिलाओं ने हासिल की है।” उन्होंने प्रजनन स्वायत्तता से संबंधित मुद्दों पर संवेदीकरण को बढ़ावा देने के लिए UPSLSA के प्रयासों की सराहना की।

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माननीय न्यायमूर्ति अरुण भंसाली ने इस संवेदीकरण कार्यक्रम और ‘न्याय मार्ग’ चैटबॉट को “कानूनी सहायता के लिए न्याय की प्रतिबद्धता की दिशा में” एक महत्वपूर्ण कदम बताया। वहीं, माननीय न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने “डिजिटल पहुंच का विस्तार करके जरूरतमंदों और हाशिए पर पड़े वर्ग के लिए कानूनी सहायता को अधिक सुलभ बनाने” पर जोर दिया।

माननीय न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी ने बलात्कार पीड़िताओं, विशेषकर नाबालिगों की चिंताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे न केवल हिंसा का आघात झेलती हैं, बल्कि अनचाही गर्भावस्था और सामाजिक कलंक का भी सामना करती हैं। उन्होंने कहा कि “न्याय केवल निर्णयों में ही नहीं दिया जाता… यह इस बात में निहित है कि हम उन लोगों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं जो असहाय अवस्था में हमारे पास आते हैं।”

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तकनीकी सत्र एवं ‘स्पंदन’ सभागार का उद्घाटन

कार्यक्रम में एक तकनीकी सत्र भी आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, हाईकोर्ट किशोर न्याय समिति, माननीय श्री न्यायमूर्ति अजय भानोट ने की। इसमें NIMHANS, NHM, AALI और वात्सल्य के विशेषज्ञों ने मनोवैज्ञानिक समर्थन, पुलिस-डॉक्टर-अदालत समन्वय, और MTP अधिनियम के कानूनी आयामों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया।

इसी अवसर पर, UPSLSA कार्यालय, गोमती नगर विस्तार में नवनिर्मित सभागार “स्पंदन” का उद्घाटन भी माननीय न्यायमूर्ति सूर्य कांत द्वारा किया गया। यह अत्याधुनिक सुविधा प्रशिक्षण कार्यक्रमों, सम्मेलनों और जन जागरूकता पहलों की मेजबानी करेगी।

अंत में, डॉ. (श्रीमती) मनु कालिया, सदस्य सचिव, UPSLSA ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

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