त्रिपुरा हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक अहम फैसले में 22 त्रिपुरा पुलिस सेवा (TPS) ग्रेड-II अधिकारियों के प्रमोशन को रद्द करते हुए उन्हें उनके मूल पद निरीक्षक पर वापस भेजने का निर्देश दिया है। यह आदेश जनवरी 2023 में दिए गए सिंगल बेंच के फैसले को पलटता है, जिसके आधार पर इन अधिकारियों को आयु-सीमा में छूट देकर प्रमोशन दिया गया था।
राज्य में प्रमोशन प्रक्रिया कई वर्षों तक लंबित रहने के कारण 22 निरीक्षकों ने एक बार की आयु-सीमा में छूट की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सिंगल बेंच ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली, जिसके बाद राज्य सरकार ने सभी 22 निरीक्षकों को TPS ग्रेड-II में प्रोन्नत कर दिया।
हालाँकि त्रिपुरा लोक सेवा आयोग (TPSC) के नियमों के मुताबिक, 55 वर्ष या उससे अधिक आयु के अधिकारियों को उच्च पद पर प्रमोशन के लिए पात्र नहीं माना जाता।
इस निर्णय के विरुद्ध 17 निरीक्षकों—जो अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं—ने जतिंद्र दास के नेतृत्व में डिवीजन बेंच के समक्ष याचिका दायर की। उनका कहना था कि आयु-सीमा पार कर चुके 22 अधिकारियों को प्रमोशन देने से योग्य उम्मीदवारों को उनके वैधानिक अधिकार से वंचित कर दिया गया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता शंकर लोध ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश एम.एस. रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने बुधवार को सिंगल बेंच के आदेश को पूरी तरह पलट दिया।
उन्होंने कहा, “डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच का आदेश रद्द करते हुए सरकार को निर्देश दिया है कि 22 TPS ग्रेड-II अधिकारियों को उनके मूल पद निरीक्षक पर वापस भेजा जाए। साथ ही, TPS ग्रेड-II के रिक्त पदों को सभी पात्र उम्मीदवारों के समूह से नियमों के अनुसार भरा जाए।”
इस फैसले के बाद त्रिपुरा पुलिस में प्रमोशन प्रक्रिया दोबारा शुरू होने की संभावना है, जो अब TPSC के नियमों और निर्धारित आयु-सीमा के अनुरूप होगी।

