सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गर्मी की छुट्टियों के दौरान न्यायिक कार्यवाही जारी रखने के लिए बार सदस्यों से सहयोग न मिलने पर चिंता जताई।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने एक सुनवाई के दौरान कहा, “हम कल से ही बार को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि कृपया छुट्टियों में काम करें, हम काम करना चाहते हैं।“ यह टिप्पणी तब आई जब उन्होंने पूछा कि क्या वरिष्ठ अधिवक्ता आर्यमा सुंदरम अवकाश के पहले सप्ताह में उपलब्ध होंगे। जब बताया गया कि वे संभवतः उपलब्ध नहीं होंगे, तो न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि न्यायपालिका काम करने को तैयार है, लेकिन बार से वैसा ही सहयोग मिलना मुश्किल हो रहा है।
उन्होंने दोहराया, “हम काम करना चाहते हैं।”

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सुझाव दिया कि इस मामले को सूचीबद्ध रखा जा सकता है। इस पर न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने कहा कि अभी तकनीकी रूप से अदालत की छुट्टी शुरू नहीं हुई है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने जोड़ा कि वर्तमान कार्यदिवस “आंशिक कार्य दिवस” के रूप में चल रहा है।
कार्यवाही के दौरान माहौल हल्का तब हुआ जब न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने मुस्कराते हुए पूछा, “क्या श्री गोपाल सुब्रमणियम यहाँ हैं?” इस पर एक वकील ने मजाकिया अंदाज में कहा कि यह एक “लीडिंग क्वेश्चन” है, जिससे कोर्टरूम में हंसी गूंज उठी।
इससे पहले दिन में भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने भी इसी तरह की चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, “पहले पाँच न्यायाधीश छुट्टियों के दौरान काम कर रहे हैं, फिर भी बैकलॉग के लिए न्यायपालिका को दोषी ठहराया जाता है। वास्तव में, वकील ही छुट्टियों के दौरान काम करने को तैयार नहीं होते।”
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ग्रीष्मकालीन छुट्टियाँ 26 मई से 14 जुलाई तक निर्धारित हैं। कोर्ट ने 17 मई को एक अधिसूचना जारी कर 21 अवकाश पीठों (Vacation Benches) की घोषणा की थी, जो इस अवधि के दौरान काम करेंगी।