डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट से अहमदाबाद एअर इंडिया क्रैश पर स्वत: संज्ञान लेने और पीड़ित परिवारों को ₹50 लाख मुआवज़ा देने की अपील की

अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए एअर इंडिया फ्लाइट AI171 हादसे को लेकर दो डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में एक पत्र याचिका दाखिल की है। इस याचिका में शीर्ष अदालत से आग्रह किया गया है कि वह इस गंभीर त्रासदी पर स्वत: संज्ञान ले और पीड़ित परिवारों को उचित अंतरिम मुआवज़ा, पुनर्वास सहायता और हादसे की स्वतंत्र जांच सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दे।

याचिका में विशेष रूप से मांग की गई है कि केंद्र सरकार को निर्देशित किया जाए कि वह प्रत्येक मृतक के परिजन को ₹50 लाख की अंतरिम मुआवज़ा राशि तत्काल घोषित कर वितरित करे। मृतकों में बीजे मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद के रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल थे।

इसके साथ ही याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि केंद्र एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन करे जिसमें सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज, विमानन विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री और बीमा विशेषज्ञ शामिल हों। यह समिति त्रिवेणी कोडकनी बनाम एअर इंडिया लिमिटेड मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार अंतिम मुआवज़ा तय करे।

याचिकाकर्ताओं ने यह भी मांग की है कि एअर इंडिया लिमिटेड को निर्देशित किया जाए कि वह पीड़ित परिवारों के दावों का शीघ्र निपटारा करे ताकि उन्हें लंबी कानूनी प्रक्रिया से न गुजरना पड़े। इसके अलावा केंद्र सरकार को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वह मृतकों के योग्य परिजनों को पुनर्वास सहायता और रोजगार के अवसर प्रदान करे।

साथ ही, याचिका में हादसे के कारणों की गहन जांच करवाने और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आग्रह भी किया गया है।

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12 जून 2025 को अहमदाबाद एयरपोर्ट के रनवे नंबर 23 से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही एअर इंडिया की फ्लाइट AI171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह विमान बोइंग कंपनी का 787 ड्रीमलाइनर था, जिसमें कुल 242 लोग सवार थे — 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य।

यह विमान कुछ ही देर में नियंत्रण खो बैठा और एक रिहायशी इलाके में गिरकर आग के गोले में तब्दील हो गया। इस हादसे में विमान में सवार लोगों के अलावा उस इमारत के कई निवासी भी मारे गए, जिससे यह टकराया। कुल मिलाकर 265 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है।

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