सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर सवाल उठाए

सोमवार को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, सुप्रीम कोर्ट ने विकिमीडिया फाउंडेशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए एशियन न्यूज इंटरनेशनल (ANI) को नोटिस जारी किया। यह याचिका दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देती है, जिसमें विकिपीडिया पर मौजूद ‘Asian News International vs. Wikimedia Foundation’ शीर्षक वाले पेज को हटाने के निर्देश दिए गए थे। इस पेज में ANI द्वारा विकिपीडिया के खिलाफ दायर मानहानि मामले का विवरण था।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अभय एस ओका और उज्जल भुयान ने हाईकोर्ट के आदेश के पीछे की युक्तिसंगतता पर सवाल उठाया और मीडिया की स्वतंत्रता के महत्व को रेखांकित किया। कोर्ट ने कहा, “आखिरकार, यह मीडिया से जुड़ा मामला है। सवाल मीडिया की स्वतंत्रता का है। आज विकिपीडिया है, कल यह आप भी हो सकते हैं।”

READ ALSO  Important cases to be heard in Supreme Court on Nov 10

यह विवाद तब शुरू हुआ जब दिल्ली हाईकोर्ट ने विकिपीडिया पेज की सामग्री पर आपत्ति जताई, जिसमें ANI के मानहानि मुकदमे की सुनवाई और उस दौरान किए गए टिप्पणियों का उल्लेख था। हाईकोर्ट ने इसे अदालत की अवमानना की श्रेणी में रखते हुए अक्टूबर 2024 में उस पेज को हटाने का आदेश दिया था।

Play button

सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक जांच और आलोचना के प्रति न्यायपालिका की सहनशीलता पर जोर दिया, खासकर सोशल मीडिया के इस दौर में। कोर्ट ने कहा, “आजकल अदालती कार्यवाही सोशल मीडिया पर आलोचना के अधीन होती है। केवल इसलिए कि कोई सामग्री अदालत की आलोचना करती है, उसे हटाने का आदेश नहीं दिया जाना चाहिए। न्यायाधीशों को आलोचना के प्रति अधिक सहनशील होना चाहिए।”

विकिपीडिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस मामले की गंभीरता को उजागर करते हुए कहा कि बिना मानहानि का अंतिम निष्कर्ष निकाले ही हटाने का आदेश दे दिया गया। उन्होंने कहा, “माई लॉर्ड्स, यह बहुत गंभीर मुद्दा है। बिना मानहानि साबित किए, यह आदेश पारित कर दिया गया…”

READ ALSO  अभियोजन पक्ष के गवाह के साक्ष्य को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है क्योंकि अभियोजन पक्ष ने उसे शत्रुतापूर्ण माना और उससे जिरह की: इलाहाबाद हाईकोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल के लिए निर्धारित की है, जिससे इस पर और विचार-विमर्श किया जा सके। वहीं, ANI की ओर से अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने पैरवी की। ANI ने विकिपीडिया पर मुकदमा दायर करते हुए आरोप लगाया था कि मंच पर ऐसे अपमानजनक संपादन किए गए, जिनमें ANI को वर्तमान केंद्र सरकार का “प्रचार तंत्र” कहा गया।

दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 जुलाई को विकिपीडिया को तीन ऐसे व्यक्तियों की जानकारी देने का आदेश दिया था, जिन्होंने इस विवादित संपादन को अंजाम दिया था। विकिपीडिया द्वारा इस आदेश का पालन न करने पर ANI ने अदालत की अवमानना की याचिका दायर की, जिससे विकिपीडिया के खिलाफ आगे की न्यायिक कार्यवाही शुरू हुई।

READ ALSO  मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्टर के बेहतर इस्तेमाल पर जोर दिया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles