नई दिल्ली—- कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव के वावजूद कुछ लोग कोरोना गाइडलाइंस का पालन नही कर रहे हैं इसी के चलते गुजरात राज्य में मास्क न पहनने वालों से वसूली गई 90 करोड़ जुर्माने की रकम से सुप्रीम कोर्ट हैरान है। कोर्ट ने इस पर कहा कि सरकार ने जुर्माने के तौर पर मोटी रकम तो वसूल ली लेकिन कोविड19 दिशानिर्देशों का पालन नही करवा पा रही है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस सुभाष आर रेड्डी एवं एमआर शाह की संयुक्त पीठ ने अस्पतालों में कोरोना मरीजों का ठीक से इलाज और शवों के साथ गरिमामय व्यवहार को स्वतः की जा रही सुनवाई की और गुजरात सरकार से सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिग बनाए रखने सम्बन्धी गाइडलाइंस के अनुपालन के बारे में जानना चाहा।
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केन्द्र सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि भारीभरकम जुर्माना ही इसका समाधान है। 500 रुपए के जुर्माने से लोगों पर असर नही हो रहा है।
वे नियमों को अनदेखा कर रहे हैं। इस दौरान जस्टिस एमआर शाह ने कहा की बड़ी संख्या में शादी समारोह हो रहे हैं। इस पर तुषार मेहता ने कहा कि गुजरात में शुभ मुहूर्त वाले दिन फिलहाल खत्म हो गए हैं।
इस पर जस्टिस शाह ने कहा एनआरआई के लिए शुभ मुहूर्त वाला दिन कुछ नही होता। ज्ञात हो कि पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो लोग मास्क नही लगा रहे हैं वह वास्तव में दूसरे लोगों के मौलिक अधिकारों का उलंघन कर रहे हैं।