सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के अमरगढ़ से आप विधायक जसवंत सिंह माजरा को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है, जिन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने की अनुमति मांगी थी। जस्टिस संजय करोल और अरविंद कुमार की अगुवाई वाली अवकाश पीठ ने विरोधी पक्षों, खास तौर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सुनवाई किए बिना अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिसे माजरा की याचिका पर जवाब देने के लिए कहा गया है।
40 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी के आरोपों में घिरे जसवंत सिंह की जांच सीबीआई और ईडी दोनों कर रहे हैं। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पहले उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी चुनौती को खारिज कर दिया था, जिसमें कार्यवाही में कोई कानूनी दोष नहीं होने का हवाला दिया गया था।
सितंबर 2022 में ईडी की जांच आगे बढ़ी और माजरा से जुड़ी कई संपत्तियों पर छापेमारी की गई, जिसके परिणामस्वरूप 32 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन और हार्ड ड्राइव जब्त किए गए। ये कार्रवाई कथित धोखाधड़ी से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की व्यापक जांच का हिस्सा है।
पंजाब में अंतिम चरण के लिए एक जून को मतदान होना है। माजरा के वकील ने उन्हें चुनाव प्रचार में भाग लेने की अनुमति देने के लिए चार जून तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया था, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने अब अस्वीकार कर दिया है।