सुप्रीम कोर्ट ने छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने के लिए हुई ई वोटिंग की वैधता पर मुहर लगा दी है। जिससे फ्रैंकलिन टेम्पलटन की छह योजनाओं में रुपया लगाने वाले निवेशकों की धन वापसी का रास्ता साफ हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि योजना के यूनिट धारकों को धन वितरण जारी रहेगा। जस्टिस एस ए नजीर और संजीव खन्ना की बेंच ने ई वोटिंग प्रक्रिया को चैलेंज देने वाली याचिका को रद्द करते हुए कहा कि निवेशकों को धन वितरण 2 फरवरी को दिए गए आदेश के तहत ही जारी रहेगा। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इन योजनाओं के यूनिट धारकों को 20 दिन में 9,122 करोड़ का भुगतान किया जाए ।
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राशि का वितरण निवेशकों की परिसंपत्ति में हिस्सेदारी के अनुपात होगा। इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने बाजार नियामक सेबी को छह डेट योजनाओं बंद करने के लिए ई वोटिंग प्रक्रिया की निगरानी को पर्यवेक्षक नियुक्त करने को कहा था। दिसंबर 2020 के अंतिम सप्ताह में वोटिंग हुई। जिसमें ज्यादातर निवेशकों के पक्ष में वोट डाले गए। हालांकि ,कुछ यूनिट धारकों ने मतदान प्रक्रिया के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।