सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यूएई-आधारित Seclink Technologies Corporation की उस याचिका की सुनवाई दिसंबर के पहले सप्ताह तक स्थगित कर दी, जिसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा धारावी पुनर्विकास परियोजना का ठेका Adani Properties Pvt Ltd को देने के फैसले को चुनौती दी गई है।
मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन व विपुल पंचोली की पीठ ने कहा कि CJI गवई के 23 नवंबर को सेवानिवृत्त होने के कारण वह इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं कर पाएंगे।
सुनवाई के दौरान CJI गवई ने हल्की टिप्पणी की—
“हमारे हाथ भरे हुए हैं, मैं कितने फैसले लिखूंगा?”
धारावी के 259 हेक्टेयर क्षेत्र के पुनर्विकास के लिए 2018 में जारी पहले टेंडर में Seclink Technologies Corporation ने ₹7,200 करोड़ की पेशकश कर सबसे ऊंची बोली लगाई थी।
बाद में महाराष्ट्र सरकार ने यह टेंडर रद्द कर दिया और 2022 में नया टेंडर जारी किया।
नए चरण में अदाणी समूह ने ₹5,069 करोड़ की बोली के साथ सबसे ऊंची बोली लगाई और परियोजना हासिल की।
Seclink ने पहले 2018 के टेंडर रद्द होने को चुनौती दी, और फिर 2022 में अदाणी समूह को टेंडर दिए जाने के फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया।
20 दिसंबर 2024 को बंबई हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए अदाणी प्रॉपर्टीज को टेंडर देने की प्रक्रिया को मंजूरी दी।
हाईकोर्ट ने कहा कि फैसले में “कोई मनमानी, अनुचितता या विकृति” नहीं दिखती।
अदालत ने Seclink की इस दलील को भी खारिज किया कि नया टेंडर “विशेष कंपनी के पक्ष में बनाया गया था”, यह कहते हुए कि प्रक्रिया में तीन बोलीदाताओं ने हिस्सा लिया था।
हाईकोर्ट ने Seclink की याचिका को पूरी तरह खारिज कर दिया।
7 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस परियोजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और राज्य सरकार व अदाणी प्रॉपर्टीज से जवाब मांगा था।
शीर्ष अदालत ने अदाणी प्रॉपर्टीज को निर्देश दिया था कि परियोजना से संबंधित सभी भुगतान एक ही बैंक खाते के माध्यम से किए जाएं।
राज्य सरकार ने अदालत में कहा कि 2018 का टेंडर कोविड-19 महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और आर्थिक-वित्तीय परिस्थितियों में आए बदलावों जैसे कारणों से रद्द किया गया था।
मुंबई के बीचोंबीच स्थित धारावी दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले स्लम क्षेत्रों में से एक है, जहां आवासीय बस्तियों के साथ बड़ी संख्या में छोटे औद्योगिक इकाइयां भी चलती हैं।
इस परियोजना का उद्देश्य पूरे क्षेत्र का व्यापक पुनर्विकास करना है।
मामले की अगली सुनवाई अब दिसंबर के पहले सप्ताह में होगी।




