तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट को सूचित किया कि चेन्नई में श्रीलंकाई उप उच्चायोग ने मुरुगन उर्फ श्रीहरन को एक अस्थायी यात्रा दस्तावेज जारी किया है, जो राजीव गांधी हत्या मामले में रिहा एक दोषी है।
मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति आर. सुरेश कुमार और के. कुमारेश बाबू की खंडपीठ के समक्ष पेश हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक आर. मुनियप्पाराज ने कहा कि श्रीलंकाई उच्चायोग ने यात्रा दस्तावेज जारी करने के बारे में राज्य सरकार को सूचित कर दिया है।
उन्होंने अदालत को बताया कि निर्वासन आदेश जारी करना अब विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) पर है और उसके बाद रिहा किया गया दोषी श्रीलंका की यात्रा कर सकता है।
डिवीजन बेंच ने सबमिशन दर्ज किया और मुरुगन द्वारा दायर एक रिट याचिका को बंद कर दिया।
अदालत ने राज्य सरकार के अधीन पुनर्वास निदेशक को उसे एक पहचान पत्र जारी करने का निर्देश दिया ताकि वह देश से बाहर जा सके।
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मद्रास हाई कोर्ट की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के वकील पी. पुगलेंथी से यह भी कहा कि अब पहचान पत्र आवश्यक नहीं होगा क्योंकि उच्चायोग ने पहले ही यात्रा दस्तावेज जारी कर दिया है।
गौरतलब है कि श्रीहरन उर्फ मुरुगन, उनकी पत्नी नलिनी श्रीहरन, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन, जयकुमार और दिवंगत संथन उर्फ सुथेनथिराजा को हत्या के मामले में 32 साल से अधिक समय तक विभिन्न जेलों में कैद रहने के बाद रिहा कर दिया गया था। संथन को श्रीलंका की यात्रा के लिए यात्रा पास जारी किया गया था, लेकिन फरवरी में उनकी मृत्यु हो गई।