कम लागत वाली एयरलाइन स्पाइसजेट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस निर्णय के बाद अपनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में ले ली है, जिसमें भुगतान न किए जाने के कारण उसके तीन विमान इंजनों को ग्राउंडिंग करने का आदेश दिया गया था। एयरलाइन इस मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग कर रही है, जिसमें मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ उनकी याचिका पर जवाब दे रही है।
यह विवाद 11 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट के एक निर्णय से उपजा है, जिसमें पाया गया कि स्पाइसजेट ने इंजन पट्टेदारों को बकाया भुगतान के संबंध में अंतरिम समझौते का पालन नहीं किया है। इस निर्णय ने एकल न्यायाधीश पीठ के पिछले आदेश को बरकरार रखा, जिसने 14 अगस्त को एयरलाइन को 16 अगस्त तक इंजन ग्राउंड करने और उन्हें पट्टेदारों, टीम फ्रांस 01 एसएएस और सनबर्ड फ्रांस 02 एसएएस को वापस करने का निर्देश दिया था।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने स्पाइसजेट के वकील को त्वरित सुनवाई अनुरोधों के लिए ईमेल सर्कुलेशन के साथ आगे बढ़ने का निर्देश दिया, जिसमें एयरलाइन द्वारा सर्वोच्च न्यायालय से राहत पाने की तत्कालता पर प्रकाश डाला गया। इन इंजनों को जमीन पर खड़ा करने से एयरलाइन के लिए महत्वपूर्ण परिचालन चुनौतियां और संभावित वित्तीय झटके उत्पन्न हो सकते हैं, जो हाईकोर्ट के आदेश को पलटने के लिए उत्सुक है।