जिला सत्र न्यायालय बस्ती द्वारा एमएलसी चुनाव के दौरान मतगणना में हुए विवाद मामले सात दोषियों को तीन-तीन साल की कैद और दो हजार अर्थदण्ड लगाया है।
मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को एसीजेएम द्वितीय व विशेष मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए कोर्ट अर्पिता यादव के द्वारा 2003 में एमएलसी चुनाव की मतगणना के दौरान हुए मारपीट व विवाद मामले की सुनवाई की। इस मुकदमे में गवाहों के बयान व पुलिस के विवेचना के आधार और दोनों पक्षों को सुनते हुए न्यायालय ने शनिवार को फैसला सुनाया। न्यायायल ने प्रकरण में सबूतों के आधार पर रुधौली से पूर्व भाजपा विधायक संजय प्रताप जायसवाल सहित सात लोगों को तीन-तीन वर्ष की सजा सुनाई।
शासकीय अधिवक्ता देवा नन्द सिंह व रश्मि शुक्ला के द्वारा मुकदमे की पैरवी को लेकर बताया गया कि 2003 में तात्कालिक एडीएम संत कबीर नगर शिशिर द्विवेदी (एमएलसी चुनाव आरओ) की तहरीर पर जनपद कोतवाली थाना बस्ती में एमएलसी चुनाव के दौरान विवाद को लेकर लिखित शिकायत की गई थी। इस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। यह घटना तीन दिसम्बर 2003 को दिन में 3:45 की बताई गई थी, जिसमें अपराध संख्या 98/2003 में धारा 143, 323, 353, 332, 382 504, 506 आईपीसी एवं सेवन क्रिमिनल एक्ट के साथ 136 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत आठ लोगों को आरोपी बनाया गया था।
इस दौरान तात्कालिक अपर जिलाधिकारी जगरनाथ प्रसाद, कोतवाल ओम प्रकाश सिंह व राजू शुक्ला के बयान के आधार पर आरोप तय किया गया। इस दौरान एक अभियुक्त बृज भूषण सिंह की मौत हो गई। शेष सात अभियुक्त कंचन सिंह, आदित्य विक्रम सिंह (भोपू), महेश सिंह, तयम्बक पाठक, अशोक सिंह, इरफान व पूर्व भाजपा विधायक संजय प्रताप जायसवाल को तीन-तीन साल को कैद व दो हजार का अर्थ दण्ड की सजा सुनाई गई।