सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तेलंगाना सरकार के उस डोमिसाइल नियम को बरकरार रखा, जिसके तहत राज्य कोटे में मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में प्रवेश केवल उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जिन्होंने कक्षा 12 तक की अंतिम चार वर्षों की पढ़ाई राज्य के भीतर की हो।
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने तेलंगाना सरकार की अपील स्वीकार करते हुए तेलंगाना मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज एडमिशन (एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश) नियम, 2017, में 2024 में किए गए संशोधन को वैध ठहराया।
संशोधित नियमों के अनुसार, केवल वे छात्र जो अंतिम चार वर्षों तक (कक्षा 12 तक) तेलंगाना में अध्ययनरत रहे हैं, राज्य कोटे के तहत प्रवेश पाने के पात्र होंगे।

इससे पहले तेलंगाना हाई कोर्ट ने नियम को रद्द कर दिया था और कहा था कि राज्य के स्थायी निवासियों को केवल इसलिए प्रवेश लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता क्योंकि उन्होंने कुछ समय राज्य से बाहर निवास किया है।
हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए राज्य सरकार के नियम को बहाल कर दिया और कहा कि पेशेवर पाठ्यक्रमों में राज्य कोटे के अंतर्गत प्रवेश के लिए डोमिसाइल आधारित मानक तय करना राज्य का अधिकार है।
राज्य सरकार की ओर से इस मामले में सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और अधिवक्ता श्रीवन कुमार कर्णम ने पैरवी की। सुप्रीम कोर्ट ने 5 अगस्त को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।