कर्नल पर हमले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच को दी मंजूरी, पुलिसकर्मियों की याचिका खारिज

सेना के एक कर्नल और उनके बेटे पर हमले के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब पुलिस के अधिकारियों द्वारा सीबीआई जांच के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। शीर्ष अदालत ने पुलिस के रवैये पर नाराज़गी जताते हुए कहा, “जब सेना सीमा पर -40 डिग्री तापमान में तैनात है, तब आप अपने घर में चैन की नींद सो रहे होते हैं।”

न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा, “जब युद्ध होता है तो आप इन सेना अधिकारियों का महिमामंडन करते हैं… सेना के लोगों के लिए थोड़ा सम्मान रखिए। इस तरह की कानूनहीनता बर्दाश्त नहीं की जा सकती। जांच अब सीबीआई ही करेगी।”

READ ALSO  ईडी निदेशक एसके मिश्रा का कार्यकाल एफएटीएफ की समीक्षा के कारण बढ़ा, नवंबर के बाद पद पर नहीं रहेंगे: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

यह घटना 13 और 14 मार्च, 2025 की रात की है, जब कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ और उनके बेटे पटियाला में एक ढाबे पर खाना खा रहे थे। कर्नल का आरोप है कि पार्किंग विवाद को लेकर पंजाब पुलिस के 12 अधिकारी, जिनमें चार इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी शामिल थे, उनके और उनके बेटे पर हमला कर दिया। उन्होंने दावा किया कि पुलिसकर्मियों ने उनका पहचान पत्र और मोबाइल फोन छीन लिया और फर्जी मुठभेड़ की धमकी भी दी—यह सब सार्वजनिक स्थान पर और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हुआ।

Video thumbnail

मामले की प्रारंभिक जांच पंजाब पुलिस द्वारा की जा रही थी, लेकिन कर्नल बाथ ने आरोप लगाया कि निष्पक्ष जांच की कोई संभावना नहीं थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने 3 अप्रैल को जांच चंडीगढ़ पुलिस को सौंपी और चार महीने में जांच पूरी करने का निर्देश दिया।

हालांकि, जांच में प्रगति न होने और किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर हाईकोर्ट ने 16 जुलाई को मामला सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में इसी आदेश को चुनौती दी थी।

READ ALSO  हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मंत्री मोलॉय घटक के खिलाफ समन रद्द करने से इनकार कर दिया

कर्नल बाथ की ओर से पेश अधिवक्ता सुमीर सोढ़ी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तीन महीने बीत जाने के बावजूद न तो कोई गिरफ्तारी हुई और न ही किसी आरोपी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट या अन्य कानूनी कार्रवाई की गई, जिससे जांच एजेंसी की निष्क्रियता स्पष्ट होती है।

सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा, “सीबीआई ही अब इस मामले की जांच करेगी। जो लोग आपकी रक्षा के लिए सीमा पर तैनात रहते हैं, वे तिरंगे में लिपटकर लौटते हैं।”

READ ALSO  ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कल दोपहर 3 बजे सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles