पाकिस्तान भेजने की कार्रवाई पर रोक: कश्मीर निवासी परिवार को राहत, दस्तावेज़ों के सत्यापन तक कोई कठोर कदम नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक कश्मीरी परिवार को बड़ी राहत देते हुए उन्हें पाकिस्तान निर्वासित किए जाने पर रोक लगा दी। अदालत ने आदेश दिया कि जब तक उनकी पहचान से जुड़े दस्तावेजों का सत्यापन पूरा नहीं हो जाता, तब तक उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाए।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि यह मामला “मानव पहलू” से जुड़ा है और यदि परिवार दस्तावेज़ सत्यापन आदेश से असंतुष्ट हो, तो वे जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं।

READ ALSO  इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आयु निर्धारण को लेकर दिया अहम फैसला, स्कूल में दर्ज आयु ही प्रथम प्रमाणपत्र

यह याचिका अहमद तारिक बट और उनके पांच परिवारजनों ने दाखिल की थी। उनका कहना है कि वे कश्मीर निवासी हैं और उनके बेटे का बेंगलुरु में रोजगार है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें वैध भारतीय दस्तावेज होने के बावजूद हिरासत में लेकर वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान निर्वासित करने के लिए ले जाया गया।

Video thumbnail

यह मामला हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद उठा है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने 25 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी कर पाकिस्तान नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए, सिवाय उन मामलों के जिन्हें अधिसूचना में विशेष रूप से छूट दी गई है। सरकार ने उनके निर्वासन के लिए एक समयसीमा भी तय की है।

READ ALSO  गड्ढों से भरी सड़कों पर हाई कोर्ट नाराज; बीएमसी आयुक्त, पांच अन्य नागरिक प्रमुखों को शुक्रवार को तलब किया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles