सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन के एक मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा।
जस्टिस एएस बोपन्ना और हिमा कोहली की पीठ ने ईडी को नोटिस जारी किया और जैन को अवकाश पीठ के समक्ष राहत के लिए जाने की छूट दी।
जैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि पूर्व मंत्री का वजन 35 किलो कम हो गया है और वे वस्तुतः कंकाल बन गए हैं। वह कई तरह की बीमारियों से भी ग्रसित है।
ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि वे कैविएट पर हैं और याचिका का विरोध कर रहे हैं।
पीठ ने कोई निश्चित तारीख नहीं दी और कहा कि जैन राहत के लिए शीर्ष अदालत की अवकाश पीठ से संपर्क कर सकते हैं।
6 अप्रैल को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें गवाहों का दावा था कि वह कथित अपराध में संकल्पनाकर्ता, आरंभकर्ता और फंड प्रदाता थे।
उच्च न्यायालय ने कहा कि आप के वरिष्ठ नेता एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं जिनमें सबूतों से छेड़छाड़ करने की क्षमता है।
ईडी ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत 2017 में दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
उन्हें सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में 6 सितंबर, 2019 को ट्रायल कोर्ट ने नियमित जमानत दी थी।
2022 में, ट्रायल कोर्ट ने ईडी द्वारा जैन, उनकी पत्नी और चार फर्मों सहित आठ अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दायर अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) का संज्ञान लिया था।