सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें केरल में जहरीली कसिया (Cassia) को दालचीनी के नाम पर बेचे जाने का आरोप लगाया गया था। अदालत ने कहा कि इस संबंध में केरल हाईकोर्ट पहले ही आवश्यक निर्देश जारी कर चुका है।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता ने अगस्त 2024 के हाईकोर्ट आदेश को चुनौती देते हुए कसिया की बिक्री और आयात पर रोक लगाने की मांग की थी। उनका कहना था कि कसिया जहरीली है और इसमें साइनाइड तथा क्यूमैरिन जैसे हानिकारक तत्व पाए जाते हैं, जो मानव उपभोग के लिए खतरनाक हैं।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि, “यह मसालों की मिलावट का मामला है। कसिया कैंसर पैदा करने वाली है, इसे दालचीनी के नाम पर बेचा जा रहा है।” लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आगे दखल देने से इनकार करते हुए कहा, “हम इस तरह के मामलों की निगरानी नहीं करेंगे।”

हाईकोर्ट में कार्यवाही
हाईकोर्ट में खाद्य सुरक्षा आयुक्त की ओर से बताया गया था कि राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) को बाजार में निगरानी अभियान चलाने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
हाईकोर्ट ने यह भी दर्ज किया था कि खाद्य व्यवसाय संचालकों और उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाना आवश्यक है ताकि इस तरह की गड़बड़ियों से बचा जा सके। अदालत ने राज्य प्राधिकरण को निर्देश दिया था कि वह एफएसएसएआई के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करे और याचिकाकर्ता की प्रस्तुतियों पर उचित आदेश पारित करे।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के दृष्टिकोण से सहमति जताते हुए कहा कि इस मामले में आगे किसी न्यायिक निगरानी की जरूरत नहीं है। अदालत ने याचिका खारिज कर दी और कहा कि सक्षम प्राधिकरण पहले ही आवश्यक कदम उठा रहे हैं।