सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका के संबंध में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया। दिवंगत गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे अंसारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा उन्हें जमानत देने से इनकार करने के फैसले को चुनौती दी है।
कार्यवाही की अध्यक्षता करने वाले न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और संदीप मेहता ने मामले पर ईडी से विस्तृत जवाब मांगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इससे पहले 9 मई को अंसारी की जमानत खारिज कर दी थी, जिसमें ईडी द्वारा उपलब्ध कराए गए मनी ट्रेल की व्यापक जांच का हवाला दिया गया था, जो कथित तौर पर अंसारी को अवैध वित्तीय लेनदेन से जोड़ता है।
हाईकोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार, ईडी द्वारा प्रस्तुत फ्लो चार्ट में स्पष्ट रूप से धन की उत्पत्ति और गंतव्य को दर्शाया गया था, जो दर्शाता है कि उन्हें अभियुक्तों के खातों में भेजा गया था। हाईकोर्ट के फैसले ने अंसारी और दो फर्मों, मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन और मेसर्स आगाज़ से जुड़े लेन-देन के बीच संबंधों को उजागर किया, जिन पर मनी लॉन्ड्रिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है।
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत तीन पूर्व मामलों के साक्ष्य के आधार पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के सदस्य अंसारी के खिलाफ मामला शुरू किया। उन्हें आधिकारिक तौर पर 4 नवंबर, 2022 को इस मामले के तहत बुक किया गया था और वर्तमान में वह कासगंज जेल में बंद हैं।