सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नीट-यूजी 2025 परीक्षा के तीन प्रश्नों में “गंभीर त्रुटियां” होने का दावा करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को संबंधित हाई कोर्ट का रुख करने की सलाह दी।
न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति ए. एस. चंदुरकर की पीठ के समक्ष यह याचिका सुनवाई के लिए आई थी। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि परीक्षा में पूछे गए तीन प्रश्न “पूरी तरह गलत” थे और दो विशेषज्ञों की राय से यह बात प्रमाणित भी हुई है। उन्होंने दावा किया कि इन त्रुटिपूर्ण सवालों के चलते याचिकाकर्ता को 13 अंकों का नुकसान हुआ।
इस पर पीठ ने कहा, “परीक्षा हो चुकी है। आप यह याचिका वापस लें और हाई कोर्ट जाएं। हम आपका रास्ता बंद नहीं करना चाहते।”

वकील ने अदालत से आग्रह किया कि वह एक विशेषज्ञ समिति गठित करे जो तीन दिनों में इन सवालों की समीक्षा कर अपनी राय दे सके। हालांकि, पीठ ने इस अनुरोध में कोई रुचि नहीं दिखाई, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 4 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2025 के परिणामों को चुनौती देने वाली एक अलग याचिका को भी खारिज कर दिया था, जिसमें एक प्रश्न में त्रुटि का दावा किया गया था।
नीट-यूजी परीक्षा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा है, जिसे एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) द्वारा आयोजित किया जाता है। यह परीक्षा देशभर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है।