मदरसों से छात्रों को शिफ्ट करने का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने की दी अनुमति, अंतरिम राहत भी बढ़ाई

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जमीअत उलेमा-ए-हिंद को यह स्वतंत्रता दी कि वह बिना मान्यता प्राप्त मदरसों से छात्रों को सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित करने संबंधी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के निर्देशों को चुनौती देने के लिए संबंधित हाईकोर्ट का रुख कर सकती है।

न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि इस प्रकार के संवैधानिक मुद्दों को हाईकोर्ट में उठाया जा सकता है। साथ ही, अदालत ने 21 अक्टूबर 2024 को दिए गए अपने अंतरिम आदेश की अवधि बढ़ाते हुए NCPCR के आदेशों के प्रभाव पर रोक जारी रखी।

READ ALSO  समलैंगिकों के बीच संबंध बिगड़े तो किसे पत्नी माना जाएगा? एसजी तुषार मेहता का वो सवाल जिसका किसी के पास कोई जवाब नहीं था

याचिकाकर्ता संगठन जमीअत उलेमा-ए-हिंद ने उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा सरकारों के उन आदेशों को चुनौती दी है जिनमें बिना मान्यता प्राप्त मदरसों के छात्रों को सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित करने की बात कही गई थी।

Video thumbnail

वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने, याचिकाकर्ता की ओर से पेश होते हुए, कहा कि शीर्ष अदालत पहले ही इन निर्देशों के अमल पर रोक लगा चुकी है और अब मामले की अंतिम सुनवाई होनी चाहिए। इस पर पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट एक संवैधानिक न्यायालय है और याचिकाकर्ता वहां जा सकते हैं।

“आप अब भी हाईकोर्ट जा सकते हैं, वह भी एक संवैधानिक अदालत है,” न्यायालय ने कहा। साथ ही यह आश्वासन भी दिया गया कि जब तक याचिकाकर्ता हाईकोर्ट का रुख करता है, तब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई सुरक्षा जारी रहेगी।

READ ALSO  हिमाचल प्रदेश द्वारा पानी की उपलब्धता के अपने पिछले आश्वासन को वापस लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जल संकट पर यमुना बोर्ड से परामर्श करने का निर्देश दिया

पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि पहले दिए गए आदेश के तहत याचिकाकर्ता को उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा के अलावा अन्य राज्यों को भी पक्षकार बनाने की अनुमति दी गई थी, जहां NCPCR के निर्देशों के आधार पर समान कार्यवाही की गई है।

अदालत ने तीन सप्ताह बाद इस मामले को फिर से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है, जिससे याचिकाकर्ता को आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेने का समय मिल सके।

READ ALSO  मद्रास हाईकोर्ट में याचिका में कोयंबटूर मतदाता सूची से 'गायब' नामों के लिए विशेष मतदान व्यवस्था की मांग की गई है
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles