मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को दोपहर 12 बजे एक असूचीबद्ध याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए उल्लेख करने के लिए एक युवा वकील को फटकार लगाते हुए कहा, “यह कोई रेलवे प्लेटफॉर्म नहीं है जहां आप आने वाली किसी भी ट्रेन पर चढ़ सकें।”
वकील चाहते थे कि न्यायिक सुधारों की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाए।
“आप दोपहर 12 बजे ऐसा कैसे बता सकते हैं?” सीजेआई से पूछा, जो न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा के साथ नियमित सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई कर रहे थे।
सीजेआई ने वकील से कहा, “ये कोई प्लेटफॉर्म नहीं है कि बस चढ़ गए जो भी ट्रेन आ गई (यह कोई रेलवे प्लेटफॉर्म नहीं है जहां आप आने वाली किसी भी ट्रेन पर चढ़ सकें।”
सीजेआई की पीठ सुबह 10:30 बजे दिन की कार्यवाही की शुरुआत में एससी पीठ के समक्ष तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए मामलों का उल्लेख सुनती है।
जब वकील अपने अनुरोध पर अड़े रहे तो जस्टिस चंद्रचूड़ ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा
“आप इस तरह की किसी बात का उल्लेख कैसे कर सकते हैं? क्या आप सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं? आप बस खड़े होकर इसका उल्लेख करें! हम लागत लगाएंगे…।”
वकील ने कहा कि वह दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं।
“क्या दिल्ली हाई कोर्ट में यह प्रथा है कि एक वकील किसी भी समय खड़ा होता है और किसी मामले का उल्लेख करता है?” न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने चिल्लाकर कहा और उन्हें शीर्ष अदालत में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को समझने के लिए एक वकील से परामर्श करने की सलाह दी।