सुप्रीम कोर्ट 9 अक्टूबर को सुनेगा महुआ मोइत्रा की याचिका, एआईएफ और एफपीआई में पारदर्शिता की मांग


सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 9 अक्टूबर की तारीख तय की है, जब वह तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें वैकल्पिक निवेश कोष (AIFs), विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) और उनके मध्यस्थों के अंतिम लाभकारी मालिकों (Ultimate Beneficial Owners) और पोर्टफोलियो का सार्वजनिक खुलासा अनिवार्य करने की मांग की गई है।

महुआ मोइत्रा ने निवेशकों की जागरूकता और भारतीय वित्तीय बाजारों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल को इस मामले में मोइत्रा को निर्देश दिया था कि वह विस्तृत प्रस्तुतीकरण भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को दें, जो एआईएफ और एफपीआई को नियंत्रित करता है।

READ ALSO  FIR कैसे दर्ज कराये? जानिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और आर. महादेवन की पीठ को बताया कि मोइत्रा ने 23 मई को सेबी को प्रस्तुतीकरण दिया था। हालांकि, सेबी का जवाब जो 19 सितंबर को तैयार किया गया था, उन्हें केवल 23 सितंबर को मिला।

Video thumbnail

भूषण ने अदालत से कहा कि वह इस जवाब को रिकॉर्ड पर पेश करेंगे।
“मुझे नई रिट दाखिल करने की जरूरत नहीं है। मैं इस जवाब को ही इस याचिका के उत्तर के रूप में मान लूंगा और एक संक्षिप्त हलफनामा दाखिल करूंगा,” उन्होंने कहा।

जब पीठ ने पूछा कि क्या याचिकाकर्ता इस जवाब से असंतुष्ट हैं, तो भूषण ने कहा, “जी हां, बिल्कुल।” उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका मुख्य आग्रह निवेश कोष और विदेशी निवेशकों के बीच पारदर्शिता लाने का है, जो सेबी के जवाब में संतोषजनक रूप से नहीं दिखा।

READ ALSO  पाठ्यक्रमों की बहुलता वांछनीय: सीबीएसई ने स्कूलों में समान पाठ्यक्रम के लिए जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट को बताया

केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि सेबी ने “हर प्रश्न का उत्तर दे दिया है।” इसके बाद अदालत ने सुनवाई 9 अक्टूबर तक स्थगित कर दी।

इससे पहले, 1 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यदि मोइत्रा की ओर से कोई प्रस्तुतीकरण दिया जाता है, तो सेबी उसे कानून के अनुसार विचार में ले। साथ ही यह भी स्पष्ट किया था कि यदि समय पर विचार न किया जाए, तो याचिकाकर्ता के पास अन्य कानूनी उपाय उपलब्ध होंगे।

READ ALSO  Haridwar Dharm Sansad: Supreme Court Issues Notice on PIL Seeking Probe by SIT
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles