एक अहम फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कुमारी शारदा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिन्हें केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) में अपनी बहन की जगह परीक्षा देने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह गंभीर अपराध भारतीय दंड संहिता के तहत दंडनीय है।
CTET परीक्षा साल में दो बार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा आयोजित की जाती है, और यह केंद्रीय सरकार के स्कूलों जैसे कि केंद्रीय विद्यालय (KVS) और नवोदय विद्यालय (NVS) में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनिवार्य मानी जाती है।
जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले की पीठ ने शारदा की अग्रिम जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज की कि मामले में पूछताछ के लिए उसकी पुलिस हिरासत आवश्यक है। अदालत ने कहा कि प्रभावी जांच के लिए शारदा को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।

शारदा, जो बिहार के दरभंगा ज़िले के बहादुरपुर गांव की निवासी हैं, परीक्षा केंद्र पर पकड़ी गईं जब उनकी बायोमेट्रिक और आधार विवरण वास्तविक परीक्षार्थी से मेल नहीं खाए। अभियोजन पक्ष के अनुसार, पूछताछ में शारदा ने अपनी गलती स्वीकार कर ली थी।
घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दी गई, जिसके आधार पर शारदा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भारतीय न्याय संहिता के तहत धोखाधड़ी और पहचान की जालसाजी जैसे अपराधों में मामला दर्ज किया गया। इससे पहले समस्तीपुर की निचली अदालत और पटना हाईकोर्ट ने भी 23 अप्रैल को उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।