सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बीएस-6 मानकों वाले वाहनों के लिए निर्धारित उम्र सीमा को चुनौती देने वाली याचिका पर 28 जुलाई को सुनवाई करने पर सहमति जताई है। वर्तमान नियमों के तहत पेट्रोल वाहनों की उम्र 15 साल और डीज़ल वाहनों की उम्र 10 साल तय की गई है।
मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के अनुरोध को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख तय की। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेशों को दरकिनार कर वाहन प्रतिबंधों में बदलाव नहीं कर सकती।
वकील ने तर्क दिया कि बीएस-6 मानकों वाले वाहन देश के सबसे सख्त प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन करते हैं और ऐसे में उन्हें पुराने प्रदूषणकारी वाहनों की तरह उम्र आधारित प्रतिबंधों में बांधना अनुचित है। उन्होंने कहा कि यह न केवल न्यायालय के पर्यावरण संबंधी निर्णयों को कमजोर करेगा, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण की न्यायिक रूपरेखा को भी प्रभावित करेगा।

यह याचिका इस महत्वपूर्ण सवाल को उठाती है कि जब आधुनिक तकनीक और स्वच्छ ईंधन मानक पहले से मौजूद हैं, तो क्या केवल उम्र के आधार पर वाहनों को प्रतिबंधित करना अब भी उचित है।
अब इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 28 जुलाई को विस्तृत सुनवाई करेगा