सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार को उस समय की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा केंद्र सरकार और उपराज्यपाल (LG) के खिलाफ दायर सात मामलों को वापस लेने की अनुमति दे दी। ये मामले राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण सहित कई विवादास्पद मुद्दों को लेकर दायर किए गए थे।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी की दलीलें सुनने के बाद यह अनुमति दी। भाटी भाजपा सरकार की ओर से पेश हुईं।
सुनवाई के दौरान एक वकील ने AAP सरकार के कार्यकाल में नियोजित वकीलों की लंबित फीस का मुद्दा उठाया। इस पर सरकारी वकील ने अदालत को आश्वस्त किया कि सभी बकाया फीस का भुगतान किया जाएगा।

गौरतलब है कि 22 मई को दिल्ली की नई भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इन सात मामलों को वापस लेने की अनुमति मांगी थी। ये सभी मामले AAP सरकार द्वारा केंद्र और उपराज्यपाल के खिलाफ दायर किए गए थे और काफी लंबे समय तक राजनीतिक और कानूनी टकराव का कारण बने रहे।