हाईकोर्ट ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विवि में परीक्षा शुल्क बढ़ाने पर लगाई रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय एवं उससे संबद्ध कॉलेजों में परीक्षा शुक्ल (विकास शुल्क) बढ़ाकर लिए जाने को चुनौती देने वाली दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए उस रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय सहित सभी पक्षकारों से जवाब तलब किया है।

कोर्ट ने पक्षकारों को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। इसके साथ ही प्रत्युतर हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने संस्कृत विद्यालय शिक्षक समिति व अन्य की याचिका पर दिया है।

READ ALSO  क्या ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू नहीं होने पर बीमा कंपनी मुआवजा देने से बच सकती है? जानिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने 10 नवंबर 2022 के आदेश के तहत परीक्षा शुल्क (विकास शुल्क) मनमाने तरीके से बढ़ा दिया। विश्वविद्यालय प्रशासन स्नातक के विद्यार्थियों से 420 रुपये और परास्नातक विद्यार्थियों से 570 रुपये बढ़ाकर ले रहा है, जो कि गलत है।

Video thumbnail

संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन मनमाने तरीके से फीस में वृद्धि नहीं कर सकता है। जब तक कि उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 के तहत अध्यादेश न जारी किया जाए। ऐसा करके उसने उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 52 का उल्लंघन किया है। यह गलत है और इस पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने सुनवाई के बाद मामले को विचारणीय माना और बढ़ी हुई फीस पर रोक लगा दी। इसके साथ ही सभी पक्षकारों से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।

READ ALSO  वयस्क, अविवाहित बेटियां यदि शारीरिक और मानसिक रूप से सक्षम हैं तो पिता से भरण-पोषण की हकदार नहीं: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख  हाईकोर्ट
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles