दिल्ली महिला आयोग की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के मामले में अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ मुकदमे पर रोक फिलहाल जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश में दखल देने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट से मामले का जल्द निपटारा करने को कहा।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 10 मार्च को स्वाति मालीवाल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चल रहे मामले पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट के जज जस्टिस अनूप जयराम भांभानी ने कहा कि इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(1)(डी)(2) के तहत मामला नहीं बनता है।
सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि दिल्ली महिला आयोग की ओर से रेप केसों के ट्रायल की मानिटरिंग करने के लिए वकीलों और अन्य लोगों की अल्पावधि के लिए नियुक्ति की जाती है। ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि नियुक्त किये गए लोगों ने कोई काम नहीं किया, बल्कि केवल सैलरी ली है।
स्वाति मालीवाल की ओर से कहा गया था कि महिला आयोग की पूर्व चेयरपर्सन की शिकायत एक दूसरी पार्टी से जुड़ी हुई है। सुनवाई के दौरान रेबेका जॉन ने कहा था कि गैरकानूनी नियुक्तियों की संख्या चार्जशीट में 87 से घटाकर 20 कर दी गई। उन्होंने कहा कि जांच में आम आदमी पार्टी के सदस्यता रजिस्टर को नहीं दिखाया गया है। केवल कही-सुनी बातों को आधार बनाकर आरोप लगाए गए हैं और चार्जशीट दाखिल की गई है।
हिन्दुस्थान समाचार