इलाहाबाद हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि परीक्षा की उत्तर कुंजी पर आपत्ति किये बिना सीधे हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर आपत्ति करना अनुचित है। अगर अभ्यर्थी ने वक्त से आपत्ति दाखिल नही की है तो उसे उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन की मांग करने का अधिकार नही है।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास उचित कारण भी नही है कि वह आपत्ति दाखिल करने का अवसर क्यों नही ले सका था।
हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 में असफल अभ्यर्थियों के कुछ प्रश्नों पर आपत्ति जताते हुए पुनर्मूल्यांकन की मांग को अस्वीकार करते हुए याचिका रदद कर दी है।
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उपरोक्त आदेश न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने अलका यादव ,वीरेंद्र मणि शुक्ल एंव अन्य तीन लोगों की याचिका पर सुनाया है। याचिका पर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी व मुख्य स्थायी अधिवक्ता विपिन बिहारी पांडेय ने प्रतिवाद किया।