डॉ. विकास दिव्यकीर्ति, दृष्टि IAS कोचिंग संस्थान के संस्थापक, के खिलाफ अजमेर की एक अदालत में चल रही मानहानि की कार्यवाही पर राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को अंतरिम रोक लगा दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया जिसमें डॉ. दिव्यकीर्ति ने अधीनस्थ अदालत में दायर मानहानि की शिकायत को खारिज करने की मांग की थी।
यह मामला एक अधिवक्ता द्वारा दायर की गई शिकायत पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि डॉ. दिव्यकीर्ति ने अपनी एक व्याख्यान के दौरान न्याय व्यवस्था और कानूनी प्रणाली को लेकर आपत्तिजनक और मानहानिकर टिप्पणियां कीं। अजमेर की स्थानीय अदालत ने इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उन्हें 22 जुलाई को तलब किया था। बाद में डॉ. दिव्यकीर्ति ने व्यक्तिगत पेशी से छूट की अर्जी दी, जिसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 2 अगस्त तय की।

डॉ. दिव्यकीर्ति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता वी.आर. बाजवा और सुमीर सोढ़ी ने पैरवी की। अधिवक्ता सोढ़ी ने बताया, “यह मामला डॉ. दिव्यकीर्ति द्वारा एक व्याख्यान के दौरान कथित तौर पर दिए गए बयानों पर आधारित है। हाईकोर्ट ने माना कि बंद वातावरण में दी गई ऐसी टिप्पणियों को मानहानि नहीं माना जा सकता और व्यक्ति को अपने विचार अभिव्यक्त करने का मूल अधिकार है। इसी आधार पर कोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगाई है।”
अब यह मामला राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित रहेगा, जहां यह तय किया जाएगा कि मानहानि की शिकायत विधिसंगत है या नहीं।