पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले की एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन से संबंधित 2008 के एक मामले में दोषमुक्ति की मांग की गई थी।
मनसे कार्यकर्ताओं ने मुंबई में ठाकरे की गिरफ्तारी के खिलाफ जिले के शिराला में विरोध प्रदर्शन किया था और गैरकानूनी सभा और शांति भंग से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
प्राथमिकी में ठाकरे के अलावा नौ अन्य का भी नाम है।
सहायक लोक अभियोजक रंजीत पाटिल ने डिस्चार्ज याचिका का विरोध किया और कहा कि जब तक सभी गवाह गवाही नहीं देते तब तक इस पर फैसला नहीं किया जा सकता है।
पाटिल ने यहां एक बयान में कहा कि अदालत ने उनके तर्क को सही ठहराया।
मनसे ने रेलवे की नौकरियों में मराठी युवाओं को तरजीह देने की मांग को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन किया था और इस मुद्दे पर ठाकरे को गिरफ्तार किया गया था।