इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला देते हुए कहा कि जीएसटी एक्ट की धारा 70 के तहत जांच और धारा 6(2बी) के अंतर्गत कार्यवाही दोनों अलग अलग विषय हैं और दोनों कार्यवाही एक साथ की जा सकती है।
कोर्ट ने सहायक कमिश्नर गाजियाबाद द्वारा व्यावसायिक प्रतिष्ठान की जांच के लिए सम्मन जारी करने के बाद दूसरे अधिकारियों की कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। और कहा है कि एक जांच निरीक्षण के आधार पर की जा रही है जबकि दूसरी कार्यवाही अवैध रूप से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने की है। दोनों में अधिकारियों ने अलग अलग सम्मन जारी कर कार्यवाही की है। इसलिए यह कोई अवैधनिकता नही है।
इलाहाबाद हाई कोर्टके जस्टिस एसपी केशरवानी और जस्टिस डा वाई के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मेसर्स जी के ट्रेडिंग कंपनी की दायर याचिका पर यह आदेश दिया।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जब एक अधिकारी ने जांच शुरू कर सम्मन जारी किया है तो दूसरे अधिकारी का उसी मामले में जांच करने का अधिकार नही है। धारा6(2बी) एक ही मामले में अलग जांच पर रोक लगाई है। सरकार की तरफ से कहा गया की केन्द्र सरकार को सम्पूर्ण भारत में एंव राज्य सरकार को पूरे प्रदेश में जांच का अधिकार है। एक जांच निरीक्षण पर सर्वे हो रही है तो दूसरी कार्यवाही टैक्स इनपुट का गलत लाभ लेने की है।
हाई कोर्ट ने जांच और कार्यवाही पर विचार करते हुए कहा कि दोनों पयार्यवाची नही है दोनों अलग थलग हैं। इस कारण राज्य और केन्द्रीय विभागों की जांच और अन्य कार्यवाही में सम्मन जारी करने में कोई अवैधनिकता नही है।
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