दिल्ली हाईकोर्ट ने पॉडकास्टर और उद्यमी राज शमानी के पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को उनके बारे में प्रसारित आपत्तिजनक, भ्रामक, बिना अनुमति बनाए गए और एआई-जनित कंटेंट हटाने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति मनीत पी.एस. अरोड़ा ने 17 नवंबर को पारित आदेश (जो गुरुवार को उपलब्ध हुआ) में कहा कि शमानी देश में कंटेंट-क्रिएशन के क्षेत्र में एक पहचान बना चुके हैं और उन्होंने अपने करियर के दौरान पर्याप्त सद्भावना अर्जित की है। ऐसे में, वे अपनी छवि, नाम और पहचान के व्यावसायिक दुरुपयोग पर रोक लगाने के हकदार हैं।
अदालत ने प्रथम दृष्टया माना कि शमानी के “नाम, पहचान, छवि, आवाज और व्यक्तित्व से जुड़ी विशेषताएँ” पर्सनैलिटी राइट्स के तहत पूरी तरह संरक्षित हैं।
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि वे ऐसे “मॉर्फ्ड या विकृत कंटेंट” से खुद को बचाने के हकदार हैं जो उन्हें नीचा दिखाता हो या झूठा हो, क्योंकि इससे उनकी प्रतिष्ठा और कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
शमानी ने बिना अनुमति उनकी आवाज, चेहरा, वीडियो, या व्यक्तित्व का उपयोग करने से रोक लगाने और डीपफेक/एआई-जनित सामग्री हटाने की मांग की थी। अदालत ने निर्देश दिया कि सभी संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ऐसे सभी उल्लंघनकारी कंटेंट को ब्लॉक, हटाएं या डाउन करें”, चाहे वह एआई के माध्यम से तैयार किया गया हो या उनकी पहचान का दुरुपयोग करता हो।
हाईकोर्ट ने उनके द्वारा दायर प्लेंट को नियमित सूट के रूप में दर्ज करते हुए यह भी नोट किया कि शमानी ने स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की है, जिसमें शामिल हैं:
- ट्रेडमार्क उल्लंघन
- पासिंग ऑफ
- कॉपीराइट उल्लंघन
- पर्सनैलिटी/पब्लिसिटी राइट्स का दुरुपयोग
- परफॉर्मर्स’ राइट्स का हनन
- और अन्य संबंधित राहतें
अदालत ने यह भी माना कि शमानी के पॉडकास्ट “Figuring Out with Raj Shamani” को कॉपीराइट एक्ट के तहत सुरक्षा प्राप्त है, और उन्हें इस सामग्री को सार्वजनिक रूप से प्रसारित करने का विशेष अधिकार है। अदालत ने प्रतिवादियों को ‘FIGURING OUT’ ट्रेडमार्क का उपयोग करने और शमानी की अनुमति के बिना उनके पॉडकास्ट या अन्य कंटेंट को साझा/स्ट्रीम करने से रोका।
मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल, 2026 को होगी।
डिजिटल स्पेस में एआई और डीपफेक के बढ़ते उपयोग के बीच, हाल के दिनों में कई जानी-मानी हस्तियों ने अपने पर्सनैलिटी और पब्लिसिटी राइट्स की रक्षा के लिए अदालत का रुख किया है।
दिल्ली हाईकोर्ट हाल ही में ऐश्वर्या राय बच्चन, अभिषेक बच्चन, जया बच्चन, ऋतिक रोशन, करण जौहर, कुमार सानू, अक्किनेनी नागार्जुन, रवि शंकर, और सुधीर चौधरी जैसे कई सार्वजनिक व्यक्तियों को अंतरिम राहत दे चुका है।
यह आदेश बताता है कि डिजिटल युग में पर्सनैलिटी राइट्स को लेकर अदालतें अब पहले से अधिक सक्रिय और संवेदनशील रुख अपना रही हैं।




