पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरप्रीत सिंह सेखों की रिहाई का आदेश दिया

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को गैंगस्टर से नेता बने गुरप्रीत सिंह सेखों को जमानत बांड भरने पर तत्काल रिहा करने के निर्देश दिए। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि सेखों को आगे हिरासत में रखा गया तो यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।

न्यायमूर्ति संजय वशिष्ठ ने यह आदेश सेखों की मां द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कॉर्पस) याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सेखों को फिरोजपुर के कुलगढ़ी थाना के एसएचओ द्वारा अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है।

गुरप्रीत सिंह सेखों को गुरुवार देर रात हिरासत में लिया गया था। फिरोजपुर पुलिस ने इसे “निवारक कार्रवाई” बताया था। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का रुख करते हुए कहा कि यह गिरफ्तारी एक जमानती अपराध में की गई है और इसके बावजूद उन्हें अवैध रूप से बंद रखा गया।

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याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता के परिवार और गांव के सरपंच मनदीप सिंह के बीच राजनीतिक रंजिश है। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि सरपंच सत्तारूढ़ दल से जुड़ा है और अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर सेखों और उसके परिवार को निशाना बना रहा है।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सेखों जमानत बांड भरने के लिए पूरी तरह तैयार थे। इस उद्देश्य से उनके वकील अर्शदीप सिंह रंधावा उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की अदालत के बाहर मौजूद थे, लेकिन उन्हें भीतर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई।

वकील ने तर्क दिया कि जमानत बांड भरने से रोकना और जमानती अपराध में हिरासत जारी रखना अवैध निरोध के समान है। यह भी कहा गया कि एसडीएम की कार्रवाई मनमानी है, जिसके चलते यह हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करनी पड़ी।

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याचिका स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति संजय वशिष्ठ ने फिरोजपुर के उपायुक्त-सह-जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि जमानत बांड से संबंधित सभी औपचारिकताएं तुरंत पूरी कराई जाएं।

अदालत ने आदेश में कहा,
“उपायुक्त-सह-जिलाधिकारी, फिरोजपुर यह सुनिश्चित करें कि याचिकाकर्ता के पुत्र गुरप्रीत सिंह सेखों की ओर से जमानत बांड भरने की प्रक्रिया स्वयं प्रतिवादी संख्या-5 (एसडीएम) द्वारा पूरी कराई जाए। यदि संबंधित अधिकारी उपलब्ध न हो, तो यह प्रक्रिया उपायुक्त-सह-जिलाधिकारी स्वयं या संबंधित थाना प्रभारी के माध्यम से पूरी कराई जाए।”

अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि सेखों को तुरंत हिरासत से रिहा किया जाए। न्यायालय ने चेतावनी दी कि आदेश का पालन न होने की स्थिति में इसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन माना जाएगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सेखों की गिरफ्तारी पंजाब में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों से ठीक पहले हुई। राज्य में ये चुनाव 14 दिसंबर को होने हैं और मतगणना तीन दिन बाद की जाएगी।

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सेखों के परिवार के दो सदस्य फिरोजशाह और बाजीदपुर ज़ोन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, जिन्हें शिरोमणि अकाली दल का समर्थन प्राप्त है।

गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को सेखों के समर्थकों ने कुलगढ़ी पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने फिरोजपुर–लुधियाना मार्ग को जाम किया और पुलिस तथा आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सेखों की रिहाई की मांग की।

इससे पहले दिन में फिरोजपुर के ग्रामीण क्षेत्र के उप पुलिस अधीक्षक करण शर्मा ने कहा था कि गुरप्रीत सिंह सेखों को दो अन्य साथियों के साथ निवारक कार्रवाई के तहत गिरफ्तार किया गया था।

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