जजों को धमकाने और न्यायपालिका की छवि धूमिल करने पर महिला वकील को हाईकोर्ट का अवमानना नोटिस

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महिला वकील को अवमानना नोटिस जारी किया है। आरोप है कि उन्होंने अपनी लंबित याचिका की सुनवाई की तारीख पहले करने की मांग करते हुए अदालत की प्रतिष्ठा पर ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी की और सुनवाई जल्द न होने पर संबंधित न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार बनाने की धमकी दी।

न्यायमूर्ति हरप्रीत सिंह ब्रार ने आदेश पारित करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता का यह व्यवहार “न्यायिक प्राधिकरण को डराने-धमकाने का प्रयास है, जो प्रथम दृष्टया न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप के समान है और कानून के शासन की गरिमा को कमजोर करता है।”

यह मामला तब सामने आया जब उक्त महिला वकील ने अपनी याचिका की सुनवाई 31 अक्टूबर से पहले करवाने के लिए आवेदन दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें जानबूझकर और इरादतन न्याय से वंचित किया जा रहा है और उनकी मूल याचिका को टालकर उन पर दबाव डाला जा रहा है कि वे पंजाब के आईपीएस अधिकारी गुरप्रीत सिंह भुल्लर के खिलाफ दर्ज शिकायतें वापस लें।

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वकील ने अपने आवेदन में यह भी कहा कि अगर सुनवाई की तारीख आगे नहीं लाई गई तो वह संबंधित न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार बनाएंगी।

इस पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया और कहा, “याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए लापरवाह आरोप न्याय प्रणाली को बदनाम करने की मंशा से लगाए गए प्रतीत होते हैं।”

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न्यायमूर्ति ब्रार ने यह भी कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता कोई साधारण व्यक्ति नहीं, बल्कि एक योग्य अधिवक्ता हैं, इसलिए यह नहीं माना जा सकता कि उनका यह अशोभनीय व्यवहार अज्ञानता के कारण हुआ है।

अदालत ने कहा, “अदालतों की प्राधिकरण को दी गई यह अनुचित और निराधार चुनौती कानून के शासन की गरिमा को ठेस पहुंचाती है। ऐसे आपत्तिजनक बयान न्याय व्यवस्था की नींव को हिला सकते हैं और इससे जनता का न्यायपालिका में विश्वास कमजोर हो सकता है।”

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अदालत ने रिकॉर्ड की समीक्षा के बाद कहा कि वकील ने न तो यह स्पष्ट किया कि उन्हें जानबूझकर किस प्रकार प्रताड़ित किया गया, और न ही उनके आरोपों का कोई ठोस आधार है। इसके विपरीत, उन्होंने न्याय प्रणाली की निष्पक्षता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं, जो स्वतः ही अदालत की अवमानना है।

हाईकोर्ट ने उक्त वकील को 29 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है कि उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।

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