मद्रास हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें काले बाजार में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टिकटों की बिक्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आग्रह किया गया है। जनहित याचिका दायर करने वाले वकील ए. साथिया प्रकाश ने ग्रेटर चेन्नई के पुलिस आयुक्त और तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (टीएनसीए) को इस अवैध गतिविधि पर रोक लगाने के लिए निर्देश देने की मांग की है।
जनहित याचिका शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश संजय वी. गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति डी. भरत चक्रवर्ती की प्रथम खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए निर्धारित है। प्रकाश का हलफनामा चेन्नई में आम क्रिकेट प्रशंसकों के सामने आने वाली कठिनाइयों पर प्रकाश डालता है, खासकर चेपॉक में एम.ए. चिदंबरम क्रिकेट स्टेडियम में मैच देखने के लिए उचित मूल्य पर टिकट हासिल करने में।
प्रकाश ने चिंता व्यक्त की कि हालांकि टीएनसीए ऑनलाइन टिकट प्रदान करता है, लेकिन वे लगभग तुरंत ही बिक जाते हैं। उन्होंने बताया कि फिर टिकटें अत्यधिक कीमतों पर बेची जाती हैं, जिससे असमानता पैदा होती है क्योंकि कई प्रशंसक उन्हें खरीदने में सक्षम नहीं होते हैं। हलफनामे के अनुसार, चेन्नई में आईपीएल टिकटों का एक बड़ा काला बाजार है, जो एक माफिया द्वारा नियंत्रित है जो टिकटों की कीमतें काफी बढ़ा देता है।
हाल की पुलिस कार्रवाइयां इस मुद्दे की गंभीरता पर प्रकाश डालती हैं। 22 मार्च को, चेन्नई पुलिस ने पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और ₹31,500 नकद के साथ चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच मैच के आठ टिकट जब्त कर लिए। कथित तौर पर ये टिकट उनकी मूल कीमत से दस गुना अधिक कीमत पर बेचे गए थे, कम कीमत वाले टिकट ₹14,000 से ₹16,000 तक पहुंच गए थे।
27 मार्च की आगे की पुलिस रिपोर्टों से पता चला कि 26 मार्च को सीएसके बनाम गुजरात टाइटन्स मैच के टिकटों की काला बाजारी बिक्री में शामिल 24 लोगों की गिरफ्तारी हुई। अधिकारियों ने इस ऑपरेशन के दौरान 83 टिकट और ₹18,000 जब्त किए।