नई दिल्ली, 26 मार्च सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की गई है।
अधिवक्ता अशोक पांडे द्वारा दायर जनहित याचिका में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घटनास्थल पर एक दीवार के निर्माण की भी मांग की गई है।
शीर्ष अदालत ने 20 मार्च को कहा था कि वह रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग वाली भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका को जल्द से जल्द सूचीबद्ध करेगी।
राम सेतु, जिसे आदम के पुल के रूप में भी जाना जाता है, तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट से पंबन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट से दूर मन्नार द्वीप के बीच चूना पत्थर की एक श्रृंखला है।
स्वामी ने यूपीए-1 सरकार द्वारा शुरू की गई विवादास्पद सेतुसमुद्रम शिप चैनल परियोजना के खिलाफ अपनी जनहित याचिका में रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मुद्दा उठाया था।
मामला शीर्ष अदालत में पहुंचा, जिसने 2007 में रामसेतु पर परियोजना के लिए काम रोक दिया।
केंद्र ने बाद में कहा कि उसने परियोजना के “सामाजिक-आर्थिक नुकसान” पर विचार किया था और राम सेतु को नुकसान पहुंचाए बिना शिपिंग चैनल परियोजना के लिए एक और मार्ग तलाशने को तैयार था।
सेतुसमुद्रम शिपिंग चैनल परियोजना को कुछ राजनीतिक दलों, पर्यावरणविदों और कुछ हिंदू धार्मिक समूहों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
परियोजना के तहत, मन्नार को पाक जलडमरूमध्य से जोड़ने के लिए व्यापक ड्रेजिंग और चूना पत्थर के शोलों को हटाकर 83 किलोमीटर का जल चैनल बनाया जाना था।