वकीलों पर रेप और एससी-एसटी की फर्जी FIR कराने वाले गैंग पर CBI लखनऊ ने कसा शिकंजा

CBI लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने रेप और एससी-एसटी के फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वाले गिरोह के खिलाफ FIR दर्ज की है। CBI लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर 3 मामले दर्ज किए हैं।

यह गिरोह प्रयागराज में वकीलों समेत तमाम लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसाकर ब्लैकमेल कर रहा था। 

CBI ने शुक्रवार को प्रयागराज के मऊअइमा थाने में वर्ष 2018 में एक महिला, दारागंज थाने में वर्ष 2021 में एक महिला और शिवकुटी थाने में वर्ष 2016 में वकील सुनील कुमार की तरफ से दर्ज कराए गए रेप और एससी-एसटी से संबंधित फर्जी मुकदमों के आधार पर सीबीआई थाने पर नए मुकदमे दर्ज किए हैं। सीबीआई की टीम जल्द जांच करने प्रयागराज पहुंच कर नए सिरे से जांच करेगी।

Video thumbnail

फर्जी मुकदमे में फंसाकर ब्लैकमेल करने वाले गैंग का खुलासा तब हुआ था जब रेप से संबंधित एक मुकदमे के शीघ्र निस्तारण का आदेश देने के लिए एक कथित पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 

READ ALSO  No Fruitful Purpose Will be Served- HC Quashes Rape Case After Accused Marries Complainant

इस मुकदमे में एक आरोपी वकील ने हाईकोर्ट में ऐसे 51 मुकदमों की सूची हाईकोर्ट को सौंपी। जिसमें लोगों को रेप और एससी-एसटी एक्ट में फंसाया गया था। इसमें से 36 मुकदमे अकेले मऊव अइमा थाने में ही दर्ज थे।

कैसे निर्दोष लोगों को फंसाया जाता है?
व‌‌कील ‌ने कोर्ट को बताया कि प्रयागराज में एक बेहद शातिर गैंग सक्रिय है, जिसमें कुछ महिलाएं और वकील शामिल हैं। 

यह गैंग महिलाओं के जरिए निर्दोष लोगों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराता है और फिर ब्लैकमेल करते हुए मुकदमा वापस लेने के नाम पर मोटी रकम की मांग करता है।

READ ALSO  Uttarakhand HC Denies Bail to Rape Accused

हाईकोर्ट ने इस तथ्य को गंभीरता से लेते हुए 18 मार्च 2022 को CBI को प्रारंभिक जांच करके रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। इसके बाद CBI ने इस मामले की जांच के बाद FIR दर्ज की।

Related Articles

Latest Articles