राष्ट्रीय गान के अपमान मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ दर्ज केस रद्द, पटना हाईकोर्ट ने बताया राजनीतिक रूप से प्रेरित

पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ दर्ज उस आपराधिक मुकदमे को खारिज कर दिया जिसमें उन पर एक अंतरराष्ट्रीय खेल कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान का अनादर करने का आरोप लगाया गया था। अदालत ने इस शिकायत को “बेबुनियाद” और “राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित” बताया।

न्यायमूर्ति चंद्र शेखर झा ने मुख्यमंत्री की उस याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें बेगूसराय की अदालत में दर्ज मामले की कार्यवाही रद्द करने की मांग की गई थी। यह मामला 21 मार्च को पटना में सेपक टकरॉ वर्ल्ड कप के उद्घाटन समारोह के दौरान हुआ था, जब राष्ट्रगान के समय मुख्यमंत्री को लोगों का अभिवादन करते और हाथ हिलाते हुए देखा गया था।

READ ALSO  दिल्ली हाईकोर्ट ने दिसंबर 2018 में हुई कॉलेजियम की बैठक का विवरण मांगने वाली अपील खारिज की

मुख्यमंत्री की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता पी.के. शाही ने दलील दी कि यह शिकायत पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है और इसका उद्देश्य मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करना है, जो 2005 से पद पर बने हुए हैं। अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए कहा कि शिकायत “सस्ती लोकप्रियता” हासिल करने के उद्देश्य से दर्ज की गई प्रतीत होती है और इसका कोई कानूनी आधार नहीं है।

Video thumbnail

न्यायमूर्ति झा ने आदेश में लिखा, “अदालत पाती है कि आरोप पूरी तरह से तुच्छ हैं और कानून की दृष्टि से टिकाऊ नहीं हैं।”

READ ALSO  गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम की अंतरिम जमानत 7 जुलाई तक बढ़ाई, 2013 के बलात्कार मामले में सुनाई जा चुकी है उम्रकैद

घटना के बाद बिहार में विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री की आलोचना की थी और कुछ विधायकों ने विधानसभा में उनसे सार्वजनिक माफी की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने बेगूसराय की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में याचिका दाखिल कर कहा था कि मुख्यमंत्री की हरकत से वह “गहराई से आहत” हुए हैं। यह वीडियो विभिन्न समाचार माध्यमों और सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ था।

READ ALSO  सभी संस्थानों में एंटी-रैगिंग कमेटी गठित करना अनिवार्य- उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिया आदेश 
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles