उड़ीसा हाईकोर्ट ने ओडिशा सिविल सेवा (OCS)-2021 परीक्षा परिणाम के प्रकाशन पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने ओडिशा लोक सेवा आयोग (ओपीएससी) से चल रहे व्यक्तित्व परीक्षण को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रखने को कहा है। न्यायमूर्ति एके महापात्र द्वारा पिछले सप्ताह पारित एक आदेश में कहा गया, “हालांकि, भर्ती का परिणाम अदालत की अनुमति के बिना प्रकाशित नहीं किया जाएगा।”
हाईकोर्ट ने एक शारीरिक रूप से विकलांग नौकरी के इच्छुक सतीश कुमार पाणिग्रही द्वारा दायर एक रिट याचिका पर फैसला सुनाते हुए यह आदेश पारित किया, जिसे चल रही भर्ती प्रक्रिया में बैठने की अनुमति से इनकार कर दिया गया था।
हाईकोर्ट ने ओपीएससी को निर्देश दिया कि वह सतीश को व्यक्तित्व परीक्षण में भाग लेने की अनुमति दे। ओपीएससी को निर्देश दिया गया कि वह सतीश के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन करे और सितंबर के पहले सप्ताह में निर्धारित अगली तारीख तक उसका नया विकलांगता प्रमाण पत्र अदालत में जमा करे।
सतीश के पास एक विकलांगता प्रमाण पत्र है जिसमें दर्शाया गया है कि वह 40 प्रतिशत ‘अस्थायी’ विकलांगता है, और तदनुसार, उसने पीडब्ल्यूडी श्रेणी के तहत आवेदन किया था। लेकिन उन्हें व्यक्तित्व परीक्षण में बैठने से मना कर दिया गया क्योंकि ओपीएससी ने कहा कि विकलांग व्यक्ति अधिनियम-2016 के प्रावधान 40 प्रतिशत ‘स्थायी’ विकलांगता वाले उम्मीदवारों को आरक्षण प्रदान करते हैं।