मुंबई की एक विशेष एनआईए अदालत ने गुरुवार को पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरी कार रखने और व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या की साजिश से जुड़े मामले में उनके खिलाफ कार्यवाही रोकने की मांग की थी।
वाज़े ने अपनी अर्जी में कहा था कि अदालत को इस मामले में अधिकार क्षेत्र नहीं है, cognizance समय-सीमा से बाहर लिया गया है, जांच में कई विसंगतियां हैं और अभियोजन के लिए कानून के तहत आवश्यक स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई है। इन आधारों पर उन्होंने कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुनील गोंसाल्वेस ने वाज़े की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इसमें कोई दम नहीं है। एनआईए ने तर्क दिया कि वाज़े ने अपराध व्यक्तिगत क्षमता में किए हैं और वे गंभीर प्रकृति के हैं।

विशेष न्यायाधीश चकोर बाविस्कर ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद वाज़े की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो अदालत को अभियुक्त के खिलाफ कार्यवाही समाप्त करने का अधिकार देता हो। अदालत ने यह भी नोट किया कि वाज़े ने इसी प्रकार की दलीलें पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में दी थीं, जिन्हें खारिज कर दिया गया था।
अदालत ने कहा, “मामले से जुड़े तथ्यों की पृष्ठभूमि को देखते हुए, यह याचिका अस्वीकार की जाती है।”
25 फरवरी 2021 को दक्षिण मुंबई में स्थित उद्योगपति मुकेश अंबानी के निवास ‘एंटीलिया’ के पास एक एसयूवी में विस्फोटक सामग्री पाई गई थी। इस गाड़ी के कब्जे में रहे व्यवसायी मनसुख हिरेन 5 मार्च 2021 को ठाणे की एक खाड़ी में मृत पाए गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच महाराष्ट्र पुलिस से एनआईए को सौंप दी गई थी।