हाल ही में एक विशेष POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत ने एक 19 वर्षीय व्यक्ति को दो साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने उसे 14 वर्षीय लड़की का हाथ पकड़ने और उससे अपने प्यार का इज़हार करने के लिए छेड़छाड़ का दोषी पाया। सितंबर 2019 में हुई इस घटना के कारण आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत आरोप लगाए गए, हालांकि उसे POCSO अधिनियम के तहत अधिक गंभीर आरोपों से बरी कर दिया गया।
न्यायाधीश अश्विनी लोखंडे की देखरेख में अदालती कार्यवाही में विस्तृत रूप से बताया गया कि नाबालिग लड़की से आरोपी ने एक इमारत की पहली मंजिल पर संपर्क किया था, जहाँ उसे चाय का चूरा खरीदने के लिए भेजा गया था। बातचीत, जिसमें आरोपी ने उसका हाथ पकड़ा और “आई लव यू” कहा, अदालत ने युवा पीड़िता की शील भंग करने वाली मानी।
मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने घटनाओं की पुष्टि करने के लिए पीड़िता और उसकी मां सहित चार गवाहों को पेश किया। दूसरी ओर, आरोपी ने अपनी बेगुनाही का दावा करते हुए कहा कि वह लड़की के साथ प्रेम संबंध में था और उसने घटना के दिन उसे मिलने के लिए बुलाया था।
हालांकि, अदालत ने आरोपी की कहानी में विसंगतियों को उजागर करते हुए इन दावों को खारिज कर दिया। न्यायाधीश लोखंडे ने बताया कि अगर सहमति से संबंध होते, तो लड़की ने संकट में अपनी मां को तुरंत घटना की सूचना नहीं दी होती। इसके अलावा, घटना के बाद लड़की की मां द्वारा आरोपी का आक्रामक व्यवहार उसकी विश्वसनीयता को और कम करता है।
अदालत ने पीड़िता और उसकी मां की गवाही को सुसंगत और विश्वसनीय पाया। दोनों गवाहों ने प्रेम संबंध के सुझाव को स्पष्ट रूप से नकार दिया, जिससे उनके बयानों की विश्वसनीयता मजबूत हुई।
Also Read
इस फैसले में नाबालिगों को ऐसे अपराधों से बचाने के महत्व पर जोर दिया गया, जज लोखंडे ने कहा, “यह साबित हो चुका है कि आरोपी ने पीड़िता का हाथ पकड़कर उस पर आपराधिक बल का प्रयोग किया, जब वह चाय का चूरा लाने जा रही थी। आरोपी द्वारा कहे गए शब्दों ने निश्चित रूप से पीड़िता की गरिमा को ठेस पहुंचाई, जो घटना के समय 14 साल की थी।”