मुंबई के फैमिली कोर्ट ने गुरुवार को भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी पूर्व पत्नी धनश्री वर्मा के तलाक को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी। यह फैसला बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद आया, जिसमें फैमिली कोर्ट को चहल के आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) कमिटमेंट को देखते हुए मामले की जल्द सुनवाई करने का निर्देश दिया गया था।
चहल की ओर से वकील नितिन गुप्ता और वर्मा की ओर से वकील अदिति मोहनी ने कोर्ट के फैसले की पुष्टि की। इस समझौते के तहत चहल को वर्मा को ₹4.75 करोड़ की गुजारा भत्ता राशि दो किस्तों में चुकानी होगी।
यह कानूनी फैसला बॉम्बे हाई कोर्ट के उस हस्तक्षेप के बाद आया, जिसमें हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13बी के तहत छह महीने की अनिवार्य प्रतीक्षा अवधि को समाप्त कर दिया गया। अदालत ने इस छूट का कारण दंपति की ढाई साल से अधिक की अलगाव अवधि और गुजारा भत्ता भुगतान को लेकर मध्यस्थता के दौरान बनी सहमति शर्तों का पालन बताया।

चहल, जो कि आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब के प्रमुख स्पिनर हैं, ने दिसंबर 2020 में धनश्री से विवाह किया था, लेकिन जून 2022 में दोनों अलग हो गए। इस साल की शुरुआत में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक के लिए अर्जी दी थी और प्रतीक्षा अवधि को समाप्त करने का अनुरोध किया था, ताकि वे जल्द ही अपनी-अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ सकें।
हालांकि, इसी महीने की शुरुआत में फैमिली कोर्ट ने पहले प्रतीक्षा अवधि समाप्त करने से इनकार कर दिया था, यह कहते हुए कि सहमति शर्तों का पूरा पालन नहीं किया गया था, क्योंकि चहल ने उस समय केवल आधी गुजारा भत्ता राशि चुकाई थी। लेकिन बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया और कहा कि शेष राशि तलाक के बाद तय शर्तों के अनुसार दी जानी थी।
अब इस कानूनी बाधा के हटने के बाद, चहल अपने आईपीएल टीम में 22 मार्च से शुरू हो रहे सीजन के लिए शामिल होंगे। इस फैसले के साथ, दोनों अपने पेशेवर और निजी जीवन में स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।